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Rajiv Jiya Kumar

Romance

4  

Rajiv Jiya Kumar

Romance

आओ बाहों में

आओ बाहों में

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तुम बसे हो निगाहों में

सजे हो बस मेेेरे लिए 

सरगम के सारे रागों में

धङकन के सब झनकारों मेें

आवाज तुम्हे पल पल देेेते

सजे सजे अपने ख्वाबों में

हसीन सभी ख्यालों में

मन मोहते अरमानों में,,

सजे हो बस मेेेरे लिए।

झिलमिल करते मेेेरी राहों में

फिर दिल के हर आह में

रूह की ईक ईक कराह मेें

तब रोम रोम की

हर याचनाओं में

बेचैन जज्बात को है करार

लहराती तेेेरी जुुुुल्फों तले

डूब झील सी तेरी आँखो में

छोङो पर्दा,आओ न बाहों मे।

      

   

            


   


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