आंसूओं की बारिश में
आंसूओं की बारिश में
आंसुओं की बारिश में भिंगते रह जायेंगे
तुझे जुदा होकर एक पल ना जी पायेंगे
जीना मरना अब कल की बात हो गई
बस ज़िन्दा लाश अब बन कर रह जायेंगे
धड़कनों की आवाज़ भी अब सुनाई नहीं देती इस दिल में
तेरे बगैर उन हसीन लम्हों को दिल में कहाँ छुपायेंगे
दिन रात कट रहे हैं ऐसे जैसे कोई सजा हो
फिजाओं की रंगत भी चिढ़ाने लगी है अब
खिले फूल भी हमें देख मुरझायेंगे...

