Sandeep Kumar

Classics

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Sandeep Kumar

Classics

आने वाले कल के लिए

आने वाले कल के लिए

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आने वाले कल के लिए

पल पल सोचा करता हूं।


कहीं डिगे न कदम हमारा

संभल कर चला करता हूं

हर कार्य को करने से पहले

गहन अध्ययन करता हूं।


छोटे बड़े ना समझ कर

एक नजर सब पर रखता हूं

आने वाले कल के लिए

पल पल सोचा करता हूं।


मान मर्यादा, प्रतिष्ठा का

पूरा ध्यान रखा करता हूं

छोटे बड़े अनुजो का

पूरा ख्याल रखा करता हूं।


कब किसे क्या चाहिए

वक्त वक्त देखा करता हूं

आने वाले कल के लिए

पल पल सोचा करता हूं।


कठिन मार्ग पर चलने का

प्रयत्न हमेशा करता हूं

जीवन पथ पंकज में

गुल खिलाया करता हूं।


सोच समझ और कौशल से

कदम बढ़ाया करता हूं

आने वाले कल के लिए

पल पल सोचा करता हूं।


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