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Tulika Das

Classics Inspirational

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Tulika Das

Classics Inspirational

आक्सीजन रिश्तों को भी

आक्सीजन रिश्तों को भी

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जरा सा जो तुम थाम लो अपनों का हाथ

तो बन जाएगा हर रिश्ता खास,

थोड़ा वक्त बिता लो अपनों के साथ

,जान लो उनके भी मन की बात

, मिल जाएगा आक्सीजन रिश्तों को भी

, ना बंद होगी रिश्तों की सांस।


परे रख कर अपने श्रेष्ठ होने का अहसास,

कभी थमा दो एक पानी भरा गिलास ,

मिट जाएंगी गले के साथ रिश्तो की भी प्यास।


ठंडे खाने की तरह रिश्ते भी ठंडे पर जाते हैं ,

ऐसा क्या हो जाएगा जो खाना कभी तुम गर्म कर दो

क्यों ना इसी बहाने , थोड़ी गर्माहट रिश्तों में भी भर दो ।


हर सुबह चाय की प्याली जो हाथ थमा जाते है‌

कभी शाम की चाय अपने हाथों की उन हाथों में थमा दो

थोड़ी इलायची और अदरक की खुशबू रिश्तों में भी महकने दो ।


कभी सूखे कपड़े तुम भी तह लगा दो

मन की तहो में दबी बातों को जुबां पर सजा दो

थोड़ी बिखरी अलमारी को सहेज दो

साथ रिश्ते भी अपने समेट लो ।


समेट लो उस अपनेपन को जो खो रहा है कहीं

रिश्ते भी मांग रहे आक्सीजन

देखो देर ना हो जाए कहीं।


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