आखिरी दो कदम
आखिरी दो कदम
मौत के बहाने याद करोगे तुम
चलो ज़नाज़ा ही सही
दो कदम साथ चलोगे तुम।
अब नींद भी कहाँ
करवट लेगी मुझमें
बस सपनों में फ़रियाद करोगे तुम।
हमेशा इंतज़ार किया
इन आँखों ने
अब इम बंद आँखों से
क्या इज़हार करोगे तुम।
मौत के बहाने याद करोगे तुम
चलो ज़नाज़ा ही सही
दो कदम साथ चलोगे तुम।
अब नींद भी कहाँ
करवट लेगी मुझमें
बस सपनों में फ़रियाद करोगे तुम।
हमेशा इंतज़ार किया
इन आँखों ने
अब इम बंद आँखों से
क्या इज़हार करोगे तुम।