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Shilpi Gupta

Tragedy

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Shilpi Gupta

Tragedy

आखिर क्यों ?

आखिर क्यों ?

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उसने भी कहाँ सोचा था 

की एक दिन ऐसा आयेगा 

मुकाम तो होगा मगर 

दुनिया को अलविदा कहना होगा 

 

तक़दीर बड़ी चीज़ हैं दोस्तो 

मोहरा शतरंज का बनाकर 

खेल खेला करती है 

गिरगिट की तेज़ी से भी तेज़ 

दुनिया रंग बदला करती है 


जहा कल तुम अकेले थे 

वहाँ आज लोगो का ताँता है 

जो खूबियाँ तुम्हारे दिखने पर नहीं दिखी 

आज ज़माने भर मे चर्चा है 


वो कहते है ना 

जीते जी का इलाज़ नहीं 

मगर मरने के बाद 

वैद्य बहुत मिल जाते हैं 


लेकिन कुछ भी कर लो 

जो गया वो लौटता नहीं 

समय रेत की तरह फिसलता है 

कभी किसी के लिए रूकता नहीं।


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