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Shilpi Gupta

Abstract

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Shilpi Gupta

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मुखौटा

मुखौटा

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बड़ी कमाल की चीज़ है ये मुखौटा 

आपको वही दिखाता है 

जो आप देखना चाहते है 


और यकीन मनाइये आजकल की दुनिया में 

लोग मुखौटा प्रिय ही है 

सच्चा चेहरा किसी को नहीं देखना 

क्योकि सच तो कड़वा होता है 

खामियों से भरा होता है 

इससे तो मीठा झूठ भला


क्या हुआ अगर हम भ्रम में जिए तो 

खुश तो रह पाए

झूठ ही सही 

कही किसी के साथ 

संगत तो बना पाए और 

सामाजिक कहला पाए


तन्हाई के कड़वेपन से 

मुखौटा एकदम भला है 


वैसे एक बात बता दूँ 

भ्रम की दुनिया होती  

बड़ी अस्थायी है 


प्यारे सपनों सी दुनिया टूटी अगर

टाइटैनिक से डूब जाओगे 

संभल कभी न पाओगे

क्योकि लोगों को तो मुखौटे से प्यार है  

आपको को तो वो जानते ही नहीं  


दिल का क्या है ये तो कभी 

हँसता है तो कभी रोता है 

इसकी तो एक अलग दुनिया 

हमेशा से ही रही है 

ये कब दुनियादारी में मिला है 


लेकिन मैं नहीं जानती कभी दिल आपसे  

इसको दिये धोखो का हिसाब माँगेगा  

और कभी आप कर भी नहीं पाओगे 

इसको दिये जितने धोखे

तुम कभी सह न पाओगे 


मुखौटो से भरी इस दुनिया में 

दिल वालो का काम नहीं 

लाख कोशिश करो 

मुखौटा तो तुम्हें चढ़ा ही देंगे।


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