आखिर कौन है जिम्मेदार...
आखिर कौन है जिम्मेदार...


बलात्कार
अखिर कौन है जिम्मेदार,
कानून या सरकार
दोष किसको दूँ, धर्म या जातिवाद,
या सोचो, कहाँ लुप्त हुए संस्कार
कभी सोचो,
कैसा होगा वो मन, जिसमें उत्पन्न होते होंगे
ऐसे बीभत्स विचार
कैसा होगा वो हृदय, जो द्रवित नहीं हुआ,
सुन कर दया की पुकार
जननी की लोरी हो या भगिनी की राखी,
या दुहिता का दुलार,
बोलो क्या नहीं हुआ,
इस कृत से शर्मसार
उठेगा रोष, बनेंगे समाचार
फ़िर भी रहेंगे हम लाचार,
बस होती रहेंगी राजनीति,
और बदलेंगी सरकारें,
पर नहीं बदलेंगे हालात
ना लाठी, ना फांसी, ना घूंघट, ना पर्दा,
कुछ भी नहीं है उपचार,
जब तक अन्तरात्मा नहीं होगी शुद्ध,
विचारों का नहीं होगा उद्धार,
होता रहेगा बलात्कार।