आजादी संग गुलामी
आजादी संग गुलामी
आजादी हमने पायी थी
पर साथ गुलामी आयी थी
अंग्रेजी ना छोड़ सके हम
उसे अपनी भाषा बनायी थी
जाति, धर्म, भाषा के नाम पर
हमने आजादी पायी थी
टूट गये वो सपने सारे
जो वीरों ने देखे थे
आजाद भारत में भी हम
देखो गुलाम हो बैठे थे
ना भाषा भी तब अपनी
ना अपना संविधान बनाया था
कानून हमारे अंग्रेजों के
फिर कैसे आजादी पायी थी
हत्या, लूटपाट, आगजनी
जो मिले थे आजादी के समय
जारी है निरंतर वो भी
उनमें न कमी आयी थी
तन से स्वतंत्र हम भारतवासी
मन से गुलाम बनकर रहे
आजादी का उद्देश्य जो था
उसके बिना ये आयी थी
सोच पहले भी बटी हुई थी
वैसी सोच आज भी है
पहले मात्र गुलाम थे
अब पायी अधिक आजादी है
देश तोड़ने की फिर से
कोशिश हो गयी जारी है
भारत को अगर बचाना है
आजादी का ज्ञान कराना है
एक देश एक कानून
और आजादी सीमित कर दो
जो करें बांटने की बातें
उसे यहाँ से विदा करो
न रखो देश से पहले कुछ
बस देश का तुम मान रखो
अपनी भाषा हो सबसे पहले
देश से अपनी पहचान रखो
देश रहेगा तो हम है
बिना देश हम नहीं कुछ है
इतना तुम ध्यान रखो
इतना तुम ध्यान रखो