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Harshita Dawar

Tragedy

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Harshita Dawar

Tragedy

आज़ाद होना बाक़ी है

आज़ाद होना बाक़ी है

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एक गाल पर थापड़ पड़े,

तो अगला गाल आगे बढ़ा दे


गांधी जी के वचन थे,

अगर ऐसा अब कोई करे

तो जी ना सके।


गणतंत्र हुए देश को

कितने बरस हुए फिर भी आज 


गणतंत्र अभी सोच को होना बाक़ी है

औरत को आज़ाद होना बाक़ी है।


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