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Vijay Kumar parashar "साखी"

Romance

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Romance

आज तक भुला नही

आज तक भुला नही

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मैंने अपना दिल लाख ढूँढा पर वो मुझे मिला ही नहीं है

मैंने पानी को बहुत पकड़ा पर वो साखी ठहरा ही नहीं है


ऐसे ही मैंने शिद्दत से साखी तेरी इबादत हररोज़ की है,

पर क़िस्मत को कुछ और मंजूर था, तू हमें मिला ही नहीं है


और ये कम्बख़्त दिल आज तक साखी तुझे भुला ही नहीं है।


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