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Kawaljeet Gill

Tragedy

1.3  

Kawaljeet Gill

Tragedy

आज मन कुछ उदास सा है

आज मन कुछ उदास सा है

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आज मन कुछ उदास सा है

दिल मे कोई दर्द सा है

हँसते हँसते भी आँसू आँखों मे आ गए

कुछ तो कहीं टूटा है टूटे तारे की तरह

शायद कोई अपना आज बहुत

तड़पा बहुत रोया है

ये एहसास बेचैन सा किये जा रहा है

आज मन कुछ उदास सा है

दिल मे कोई दर्द सा है

ये हवाएं भी आज खामोश सी है

आसमान भी कुछ शांत सा है

तारे भी कहीं छुप कर रो रहे है शायद

चाँद भी कुछ उदास सा है

शायद आज कायनात भी रो रही है

हर ओर काली घनघोर रात छाई है

हर कोई उदास उदास सा है


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