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Mahima Gantayat

Inspirational Others Children

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Mahima Gantayat

Inspirational Others Children

आज कल की दोस्ती।

आज कल की दोस्ती।

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काम के वक्त जो याद करे 

वो यार ही कैसा है। 


बिन मतलब कोई साथ ना दे

वो यार ही कैसा है। 


हज़ार लाखों की भीड़ में

तुझ जैसा साथी पाई हूँ।


अपने हर सुख दुख में तुझे शामिल की हूँ। 


तू है मुझसे बड़ा पर तेरे अंदर छिपा बच्चे में  

अपने बचपन को पाती हूँ। 


साँप रुपी इंसानों की दोस्ती में क्या रखा 

में तुझमें अपना सुकून महसूस करती हूं। 


जब दुनिया मेरे खिलाफ हो हर दम तुझे अपने साथ पाती हूं।


दोस्ती का सही मतलब तुझसे सिखा है

इस धोखे की दुनिया में अपनापन तुझमें पाया है। 


कहीं दूर है तू पर तुझको महसूस हमेशा अपने संग ही करती हूं।

खुदा को दुआ में तेरी सलमाते मांगती हूं।


  


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