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Mahima Gantayat

Others

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Mahima Gantayat

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नफ़रत की बारिश

नफ़रत की बारिश

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हो रही थी उस दिन बारिश

बादल भी गरज रहे थे ।


 दोनों एक कमरे में हो कर भी

 एक दूसरे से दूर थे ।


 वो खेल रहा था इस मासूम दिल से

और हम तभी उसे उम्मीद लगाए बैठे थे ।


चुप होकर भी हम दोनों बाते कर रहे थे ।


 और वो अपना चाल चल रहा था

हम उसकी बातों को सच समझ बैठे थे ।



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