आज का मीडिया
आज का मीडिया
राष्ट्रवादी और राष्ट्रभक्ति पर खड़े हुये सवाल,
देश में मच रहा हैं हर घड़ी हर मीडिया पर बवाल।
सभी ज्वलंत सवाल मीडिया के लिए हैं बिता-कल,
महत्वहीन ,निराधार, आधारहीन ,सामान्य और सरल।
राष्ट्रवाद और राष्ट्रभक्ति बन गये आज-कल,
अब नये सभी मीडिया के अव्वल फर्जी सवाल।
देश में जनतंत्र जिंदा रहेगा कि नहीं कल,
आम जनता को इसका सताने लगा खयाल।
अपने-अपने विचारधारा को सही जताने व बताने,
पक्ष-विपक्ष करते हैं तर्कहीन चर्चा आमने-सामाने।
मीडिया करती आना-काणी ज्वलंत सवाल चर्चा में लेने,
मीडिया बन चुकी दलाल सत्ता को ही सही बताने।
सामूहिक बलात्कार, लव-जहाद, गौहत्या में आया उछाल,
पक्ष-विपक्ष देता अपने ही तर्कहीन, व्यर्थ, तुगलकी खयाल।
विकास, कृषि, उद्योग, गरिबी व बेरोजगारी हैं बेहाल,
बिकाऊ मीडिया बना आम जनता के लिए संगीन सवाल।
महिला उत्पीड़न, कुपोषण, सुरक्षा सशक्तिकरण बना निष्फल,
आज मीडिया नहीं उठा रही हैं इन पर कड़े सवाल।
सत्ता पक्ष ने मीडिया में मचाई लालच की धमाल,
जनता को करके बेहाल मीडिया बन गया माला-माल।
मीडिया करती नाममात्र चर्चा आज का बड़ा सवाल,
राष्ट्र चिंतन पर नहीं दिखता मीडिया में बवाल।
स्वार्थी चाटुकार एंकर का होता विवादास्पद रोल,
जो कभी नहीं खोलने देता सत्तापक्ष की पोल।
