आज भी याद है
आज भी याद है
आज भी याद है वो 27 फरवरी की रात
जब हुईं थीं तुम्हारी मुझसे आखिरी मुलाकात
उस दिन से लेकर आज तक
मैं सही से कभी सो नहीं पाया
और एक तेरे सिवा किसी और का
सच में कभी हो नहीं पाया
ये सिलसिला तेरे बिछड़ने का
ये दिल सही नहीं पाता
एक तेरे सिवा ये दिल
और किसी का हो नहीं पाया
एक तेरे सिवा मुझे किसी ने
इतना नहीं रूलाया
जितना जिंदगी भर की
तड़प दे रूलाया
खैर जो भी हो
जब मन करे आ जाना
मेरे दिल में सिर्फ तेरे लिए
आज भी जगह ख़ाली है।