आग घर में लगाने से क्या फायदा
आग घर में लगाने से क्या फायदा
राज सबको बताने से क्या फायदा।
बात सबको सुनाने से क्या फायदा।
रब तो तेरा भी है रब तो मेरा भी है,
हक अकेले जताने से क्या फायदा।
देश तेरा भी है देश मेरा भी है,
आग घर में लगाने से क्या फायदा।
मैं रहूँ दिल में तेरे तुझे सब पता,
तो जहाँ से छिपाने से क्या फायदा।
जेब देखी नहीं है कफन में कभी,
फिर करोड़ो कमाने से क्या फायदा।
आँख रोती रही लब चहकते रहे,
खुद को यूँ भी हँसाने का क्या फायदा।
वैध मिलता नहीं हर गली मोड़ पे,
जख्म सबको दिखाने से क्या फायदा।
कल तू रोया बहुत था सता कर मुझे,
दिल यूँ खुद का दुखाने से क्या फायदा।
हो सके जो नहीं सच कभी ख्वाब अब,
रात दिन वो सजाने से क्या फायदा।
जो रहे आँख में अश्क की बूंद से,
उनको घर में बसाने से क्या है फायदा।
“याद करने की मुझको तू कोशिश न कर ”
कह मुझे यूँ भुलाने से क्या फायदा।
पास तेरे रहूँ मैं जहाँ भी रहूँ,
दूर ऐसे भी जाने से क्या फायदा।।
