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Babita Komal

Drama

2  

Babita Komal

Drama

ऐसा कैसे कर लेते हो !

ऐसा कैसे कर लेते हो !

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ट्रेन में, 

अपने हिस्से की चादर 

सिकुड़कर सोई जनानी पर डाल,

कोहनी पर दोनों हाथ एवं 

मुंह पर रुमाल रख,

पीछे सिर टिका 

सो जाते हो


ऐसा कैसे कर लेते हो ? 


बीच सड़क पर 

स्कूटी की किक से झगड़ती, 

अस्त - व्यस्त पार्किंग से उसे 

सड़क पर लाने की जद्दोजहद करती,

रोनी सूरत वाली लड़की को देख, 

फर्राटेदार गति से समय पर मंज़िल तक पहुंचने 

की मनोस्थिति को उतार फेंक, 

साधिकार उस अनजान से चाबी लेकर,

उसकी फटफटिया को 

राह की रानी बना,

उस की कृतघ्य नज़रों से 

नज़रें मिलाये बिना,

उसके थैंक्स कहने से पहले 

चल पड़ते हो 


ऐसा कैसे कर लेते हो ? 


बस में 

दाएं हाथ में मोबाइल,

बाएं हाथ में पर्स लिए, 

ज़मीन पर पड़े दो बदनसीब बैगों पर 

दया दृष्टि डालती,

उस स्त्री को देख,

तुम झट से बैग 

बस की ज़मीन से 

धरती की गोद में रख, 

अपनी सीट पर आ इत्मीनान से 

बैठ जाते हो


ऐसा कैसे कर लेते हो ? 


ऑफिस में 

बॉस की चिकचिक, 

अधीनस्थ की गलती, 

काम का बोझ, 

आदि, आदि, आदि 

के बीच 

पिताजी की दवाई, 

माँ का चश्मा, 

बीवी की क्रीम, 

बहन की ड्रेस, 

बच्चे की चॉकलेट 

आदि, आदि, आदि 

घर लौटते वक्त 

याद रखते हो। 


ऐसा कैसे कर लेते हो ?


जूते में हो भले छेद 

किन्तु 

बीवी के लिये चाहिए 

साड़ी महंगी। 

साइकिल है पुरानी, 

बेटे को किन्तु लेकर देनी है, 

नए मॉडल वाली रिमोट गाड़ी। 

गम में भी हँस लेते हो 

ऐसा कैसे कर लेते हो ?



बोलो न !

तुम पुरुष हो।

मैं हूँ नारी।

समझाओ न मुझे यह कहानी। 

मैं छोटी हूँ या हूँ चाहे तुमसे बड़ी 

तुम मेरे संरक्षक 

बन जाते हो, 

बोलो न 

ऐसा कैसे कर लेते हो ? 














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