मधुर यादे
मधुर यादे
आज से चार वर्ष पूर्व मेरे जीवन मे एक युवती का पदार्पण हुआ ।उसे पहली बार देखते ही ऐसा लगा की मानो कोई अपना मिल गया हो।फिर तो प्रतिदिन उसके आने के इन्तजार मे मै पलके बिछाकर उसका इन्तजार करता ।जिस दिन वह नही आती या देर से आती दिल बेचैन हो जाता ।
हमारे लिए वह सबसे प्रिय थी।वह भी आते ही मुझे मुस्करा कर अभिवादन करती और मेरे साथ समय बिताती ।हम दोनो अपनी बाते शेयर करते।
हमारा प्रेम पवित्र और निश्छल था। एक दिन उसने बताया उसकी शादी तय हो गई ।मैने पूछा आप सन्तुष्ट हैं ?तो उसने कहा घर परिवार अच्छा है लडके का खुद का विजनेस है घर वालो को बहुत पसन्द है ।
मैने कहा "हमे आपके साथ से आपकी खुशी अधिक प्यारी है ।आप खुश रहें इसी मे हमारी खुशी है ।" उसके बाद उसकी शादी हो गई और वह आज अपने पति के साथ बेहद खुश है । और उसे खुश जानकर मै भी बेहद खुश हूं ।