मित्रता की परीक्षा
मित्रता की परीक्षा
"फीमेल डॉग को ही खरीदने की क्या कोई खास वजह है, तुम मेल डॉग भी तो खरीद सकती थी न?" विभा अपनी सहेली सुरेखा के घर जब कई महीनों बाद मिलने आई तो घर में अचानक फीमेल डॉग देखकर यह सवाल किया।
"तुम्हारा कहना सही है, सुरेखा पहली बात तो मुझे डॉग बिल्कुल भी पसंद नहीं है। अपने बच्चों को देखूं या फिर इस डाॅग को? दोनों काम मुझ अकेली से नहीं होते।" "फिर खरीदा क्यों? जानती हो यह भी एक आत्मा है, जीवन है। अगर तुम इसे समय-समय पर खाना-पानी नहीं दे सकती तो तुम्हें तुरंत इसे बेच देना चाहिए, नहीं तो यह तुम्हें बद्दुआएं ही देगी।"
" मैं भी यही चाहती हूं, लेकिन घर के बाकी सब जब यह बहुत सारे बच्चों को जन्म देगी तब उसके बच्चों को बेचकर खूब पैसा कमाना चाहते हैं , फिर बाद में इसे भी बेच देंगे।"
"विभा मैं नहीं चाहती कि मुझे तुम्हें अपना मित्र कहने में ग्लानि की अनुभूति हो। तुम भी इस घर की सदस्य हो, तुम्हे निर्णय लेने का पूरा हक है।"
"तुम्हारी बात समझ रही हूँ सुरेखा। "
क्या निर्णय लिया है तुमने ?"
"कल तुम्हें यह घर पर नहीं दिखेगी, निश्चिंत रहो।"
"यह हुई न पक्की सहेली वाली बात।"
विभा को खुशी से गले लगाते हुए सुरेखा ने कहा।
