" कैसा ये इश्क है "
" कैसा ये इश्क है "
अमित अपने ख्वाबों में मग्न अपनी महबूबा को याद कर रहा था ।। तभी उसका दोस्त आवाज देता है फ्लाइंग ऑफिसर अमित सुन रहा है तू कहां खो जाता है तू बार बार और उसे हिलाता है ।। अमित का ख्वाब भंग होता है और निद्रा रूपी ख्वाब से जाग जाता है ।। चल जल्दी कर हमारे सीनियर सर ने हमें जल्द से जल्द हाजिर होने हो कहा ।। फिर दोनों जल्दी से भागता है .......
अमित एक देश का सिपाही होने के साथ साथ एक मां का लाल और एक ऐसी माशूका का माशूक था जो उसे हमेशा के लिए दुनिया में अकेले छोड़ कर जा चुकी थी और वो इसी प्रेमिका के प्रेम में डूबा रहता था ।।
अक्सर अपनी भावनाओं को वो अपनी डायरी में लिखा करता था ।। अमित एक अच्छा लेखक भी था जो समय मिलते ही अपनी अधूरी इश्क की दास्तान को लिखा करता था ।।
एक दिन बातों बातों में अमित का दोस्त उससे कह दिया....क्या यार अमित तू भी ना बिल्कुल पागल है । जो इस दुनिया से चली गई उसे आजाद कर दे ना.. क्यों तू अपने दिलो दिमाग में उसे जिंदा रखा है.....? वो एक हादसा था उसके लिए कोई कुछ नहीं कर सकता है ।। उसे जब तक तू अपने ख्वाबों से , अपने आप से दूर नहीं करेगा तब तक उसकी आत्मा को शांति नहीं मिलेगी यार !!!
वो मर चुकी है उसके सपने मत देख अभी पूरी जिंदगी पड़ी है तेरी। कोई उसके ही जैसी प्यार करने वाली मिल जायेगी पर पहले तू इस झूठ के महल से तो बाहर निकल जा..।।
दोस्त की बातों को सुन अमित की आंखें भर आई ।। अमित कहता है " अरे नहीं भाई तू नहीं समझेगा मेरे इश्क को ..तूने आज तक इश्क नहीं किया ना .......... "।
अमित का दोस्त मिहिर जवाब देता है ... क्या ?? मैं इश्क को नहीं समझ सकता...? क्या बोल रहा है तुम अमित...? जो इंसान अपने माता पिता का इकलौता बेटा हो और वो देश के लिए अपनी जान निछावर करने को तैयार हो उसे बोल रहा है कि मैं इश्क को नहीं समझ सकता....?
मेरी मोहब्बत तुझसे कही ज्यादा बड़ा हैं मेरे यारा ... कही ज्यादा .... मैंने प्रेम किया है वो भी सच्ची मोहब्बत और पता है मेरी महबूबा कौन है ...? नहीं पता न तो सुन ये देश है मेरी महबूबा.....। ये धरती मां हैं मेरी महबूबा....। मैं अपनी महबूबा पर तो अपनी जान भी निछावर कर दूं मेरे यारा.. ! मेरे लिए तो मेरा सब कुछ मेरा देश हैं.. ।
भगवान ने तुझे भी एक सुनहरा मौका दिया है इस देश रूपी महबूबा पर जान निछावर करने का न की जो तुझे छोड़ कर इस दुनिया से जा चुकी है ।। उसे आजाद कर अपने दिल से अपने मन से तभी तू इस देश के लिए कुछ अच्छा कर पाएगा मेरे दोस्त ।
इश्क के लिए पूरी जिंदगी पड़ी है मेरे यारा पर देश की सेवा का मौका सिर्फ और सिर्फ एक बार मिलता है ।। मिहिर को अमित की हालत देख कर अच्छा नहीं लगता था इसलिए उसने आज ये सब कह ही डाला ।।
मिहिर की बातों में इतना ज्यादा दम था की अमित को भी लगने लगा कि वो अपने मार्ग से भटक गया था ।। उसे धीरे धीरे समझ में आने लगा की वो एक ऐसे सफर पर जा रहा था जिसकी कोई मंजिल ही नहीं थी ।। और इसलिए खुद को थोड़ा थोड़ा सुधारने की कोशिश करने लगा ।।
मिहिर की बातों का ऐसा असर हुआ कि अमित एक दिन वायुसेना के सबसे अव्वल पोस्ट पर तैनात हो गया और देश का नाम रोशन कर रहा था ।।।
