रिप्ड जींस वाली नायिका
रिप्ड जींस वाली नायिका
चंद्रिका की शादी एक नामी प्रोफेसर के साथ हुई थी, आज से दस वर्ष पूर्व, लेकिन किस्मत को इनका साथ मंजूर नहीं था। प्रोफेसर साहब की मृत्यु शादी के पांच वर्ष बाद ही हो गई, लेकिन चंद्रिका के पास जीवन बिताने के लिए उसकी बेटी मीठी और अपनी एक अच्छी खासी नौकरी थी।
चंद्रिका वैसे तो बत्तीस वर्ष की हैं, लेकिन उन्हें देखकर कोई भी यह नहीं कह सकता कि उनकी उम्र पच्चीस या छब्बीस साल से कुछ ज्यादा है। उनकी सहेलियां उन्हें आज भी स्वीट सिक्सटीन कहती हैं। चंद्रिका कहती 'अब तो कुछ सालों में मेरी मीठी स्वीट सिक्सटीन हो जाएगी '।
खैर चंद्रिका की खुबसूरती और काबिलियत के कारण, उसको बहुत सारे शादी के रिश्ते आते रहते थे। चंद्रिका ने कभी ऐसी बातों को दिल पर नहीं लगाया। उनके लिए उनकी बेटी मीठी और अपनी नौकरी ही अब जीवन की साथी बन चुकी थी।
आज चंद्रिका और प्रोफेसर साहब की शादी की सालगिरह हैं। प्रोफेसर साहब जब जिंदा थे तब वो चंद्रिका को लेकर इस दिन किसी न किसी अनाथालय में जरूर जाते थे। दोनों इस दिन उन बच्चों को बहुत सारे केक, चाकलेट और कपड़े बांटा करते थे। आज चंद्रिका ने सभी खरीदारी कर ली है और मीठी को तैयार कर अनाथालय जाने को जैसे ही तैयार होने जाती है।
सालों पहले वाली एक बात चंद्रिका को याद आ जाती है। उस बैग में रखे हुए वो रिप्ड जींस जोड़ा और दो सफेद शर्टस् देखकर।
उस शाम चंद्रिका और प्रोफेसर साहब पहली बार डेट पर गये थे। दोनों ने एक ही रंग की शर्टस् और रिप्ड जींस पहनी थी। प्रोफेसर साहब ने उस दिन एक बात कही थी चंद्रिका को ' तुम यही कपड़ा और यही रिप्ड जींस तब तक पहनोगी, जब तक मुझे चाहोगी '।
चंद्रिका ने वही कपड़े पहने और कमरे से बाहर निकली। जैसे ही मीठी ने अपनी मां को देखा वो खुशी से उछल पड़ी। मीठी बोली -' माॅम यूं आर लूकिंग वेरी ब्यूटीफुल '
मीठी और चंद्रिका अनाथालय गये और वहां से मीठी को लेकर ही आज वो आफिस चली आई।
जैसे ही चंद्रिका को उसके आफिस वाले साथियों ने देखा तो उसका पहले तो स्वागत किया, लेकिन कुछ ही देर में वो एक दूसरे से कानाफूसी करने लगे। लंच का टाइम हुआ, सभी कैंटिन में पहूंचे, तभी एक लड़के ने चंद्रिका को कहा
' मैडम आज आप खासी जच रहीं हैं। '
चंद्रिका को थोड़ा अजीब लगा, लेकिन वो कुछ न बोली। सभी उसको अजीब तरीके से घूर रहे थे। लेकिन किस लिए वो यह समझ न पाई।
तभी चंद्रिका की एक सहेली ने उसे कहा कि ' तुम्हारे इस रिप्ड जींस को लेकर आफिस में लोग गंदी बातें कर रहे हैं। तुम्हारे विधवा होने और सजने संवरने पर कैसी-कैसी बातें कर रहे हैं। '
चंद्रिका ने जैसे ही ये बातें सुनी , वो तमतमाते हुए कैंटिन में पहूंची और सबके सामने बोल उठी।
' कपड़े किसी भी इंसान के चरित्र के परिचायक नहीं होते। आज आप लोगों के ऐसे ही सोच का नतीजा है, कि कोई भी रेप पीड़िता को इंसाफ के सिस्टम से डर लगता है। लोग अपराधी को नहीं बल्कि पीड़िता को शक की निगाह से देखते हैं। इस कपड़े के साथ मेरी कौन सी यादें जुड़ी हुई हैं ये आप सब समझ नहीं सकते क्योंकि आपको तो स्त्रियों पर अपना अधिकार जताने और उसे नसीहत देने के अलावा कुछ नहीं आता। दुनिया आज चांद पार कर मंगल पहुंच गई लेकिन आप सब की सोच आज भी गड़े मुर्दे उखाड़ने में लगी हुई हैं!'