चाँद/प्रियतम से संवाद
चाँद/प्रियतम से संवाद
चाँद को देख साजन को देखा करूँ।
चौथ का व्रत मैं ऐसे ही तोड़ा करूँ।
उम्र लम्बी हो साजन की, खुश वो रहें।
बस दुआ में यही रब से माँगा करूँ।
तेरी मेरी कहानी में मेरे सनम,
बस खुशी के पलों को सँजोया करूँ।
जागती आँख में देख कर मैं तुझे,
प्यार का ख़्वाब अपना सजाया करूँ।
दीद को तेरी तरसे न अँखिया मेरी।
हर घड़ी सामने तुझको पाया करूँ।
लाल सिंदूर का रंग मैं माँग में,
नाम से तेरे साजन लगाया करूँ