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Nisha Nandini Bhartiya

Drama

4.6  

Nisha Nandini Bhartiya

Drama

छूना है आसमान

छूना है आसमान

1 min
260


अगर छूना है आसमान

तो पहले बनाओ मजबूत लक्ष्य

कसकर पकड़ो उस लक्ष्य की

डोर को।


और सीढ़ी दर सीढ़ी

रखते हुए एक-एक कदम

बिना रुके बढ़ते चलो।


हो ध्यान सिर्फ डोरी पर

हर पल हर क्षण

न टूटे अपनो की ठोकरों से

ढकेल कर बाधाओं को,


साध कर एकाग्रता

एक दिन अचानक तुम

छू लोगे आकाश को।


बढ़ते हुए लक्ष्य पर

पहली सीढ़ी पर होगा

बेहद उपहास तुम्हारा

बिना डगमगाए कदम

पल-पल तुम बढ़ना आगे,


होगा दूसरी सीढ़ी पर                 

विरोध का अठ्ठाहस

पर मत हारना तुम हिम्मत

संघर्ष को बना कर अवलंब


पहुँचना अंतिम सीढ़ी पर

हासिल करते ही लक्ष्य

मिलेगी स्वीकारोक्ति

और होगा

चहुँ ओर मान सम्मान।


पर याद रखना

बेशक छुओ तुम आसमान को

पर पैर जमीन पर ही रखना

गिरने पर लंगड़ा जाओगे

दांए बांए जरूर देख लेना

वरना बहुत पछताओगे।


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