वही नज़र वही धड़कन
वही नज़र वही धड़कन
वही नज़र वही धड़कन,
वही ज़िंदगी की ख़्वाहिश जगा दीजिये,
जिन्हें देखकर मुस्कुरा दे लब,
मुझको ऐसी कोई अदा सीखा दीजिये,
जिनसे दिल बहल जाता था, सुकून था,
वैसा ही इंतज़ार फिर करा दीजिए,
वही नज़र वही धड़कन,
वही ज़िंदगी की ख़्वाहिश जगा दीजिये,
कीजिये बात आँखों ही आँखों में,
थोड़ी हवाओ में वफ़ा जगा दीजिये,
तन्हा मनमर्ज़ी करे मन में तन्हाई,
कोई ख़ुशी की महफ़िल जगा दीजिये,
वही नज़र वही धड़कन,
वही ज़िंदगी की ख़्वाहिश जगा दीजिये,
फर्याद करता है सबको फरयादी,
फासलें गम के थोड़े घटा दीजिए,
रूह बेचैन है, रुस्वा चैन है,
ये झुकी पल्के अब तो थोड़ा उठा दीजिये,
वही नज़र वही धड़कन,
वही ज़िंदगी की ख़्वाहिश जगा दीजिये.