(कहीं दूर जब दिन ढल जाए की तर्ज़ पर) गीत
(कहीं दूर जब दिन ढल जाए की तर्ज़ पर) गीत
कहीं दूर जब दिन ढल जाए
वही शाम जब फिर से आये
प्रियतम तेरी याद दिलाये
आँसू भी लाये
इन्हीं अँधेरों के आँगन में
कोई जुगनू सा चमके हाय
सपनों में है वो सब शामिल बातें
तेरी मीठी -मीठी कातिल बातें
कभी तो खुल के
आँख ये छलके
आँसू मगर कोई नज़र ना आये
वही शाम जब फिर से आये
प्रियतम तेरी याद दिलाये
ग़ज़ल ही खो गई क्या हम गाते
लफ्जों में किसे हाल अपना बताते
सांस है सौतन , बैरी ये सावन
आग जिया में ये रोज लगाये
वही शाम जब फिर से आये
प्रियतम तेरी याद दिलाये
जाने किस के लिए हम यहाँ ठहरे
उथली सी आँखों में सपने हैं गहरे
ये मेरे सपने ना मेरे अपने
मांगती आँखें इनके किराये
वही शाम जब फिर से आये
प्रियतम तेरी याद दिलाये!
Movie/Album: आनंद (1971)
Music By: सलिल चौधरी