Shailaja Bhattad
Abstract
चीज कहकर तस्वीर लेने से,
बिखरी जिंदगी संवरती नहीं।
क्षण भर को बत्तीसी दिख तो जाती है।
लेकिन हकीकत कभी बदलती नहीं।
इंद्रधनुष
माँ अम्बे
श्री राम
माँ जगदम्बा
होली
भक्त वत्सल रा...
बसंत पंचमी-1
वसंत पंचमी
वो रौशनी एकाकी, अक्सर इन अंधेरी रातों में एक दूसरे का दर्द सांझा करते हैं। वो रौशनी एकाकी, अक्सर इन अंधेरी रातों में एक दूसरे का दर्द सांझा करते हैं...
एक दिन तुम्हें देख मैंने भी कोशिश की थी पर मेरे मुस्कुराने का झूठ पकड़ा गया एक दिन तुम्हें देख मैंने भी कोशिश की थी पर मेरे मुस्कुराने का झूठ पकड़ा...
संकीर्णता के दायरे में सिमटकर अपनी विचार को कैदी न बना पाएंगे संकीर्णता के दायरे में सिमटकर अपनी विचार को कैदी न बना पाएंगे
बड़ी मन्नतओं से आयी है ये बारिश रूठ गई गर मौहतर्मा तो न जाने कब लौटेगी। बड़ी मन्नतओं से आयी है ये बारिश रूठ गई गर मौहतर्मा तो न जाने कब लौटेगी...
मौत के बाद ही भूख ग़रीब का साथ छोड़ती है ,भूख गरीब की सबसे वफादार साथी जो होती है। ... मौत के बाद ही भूख ग़रीब का साथ छोड़ती है ,भूख गरीब की सबसे वफादार साथी जो होती है।...
अपने शब्दों में स्वयं अपनी कथा कहे जीवन ऊंचाइयों -गहराइयों में स्वयं सिद्धा रहे। अपने शब्दों में स्वयं अपनी कथा कहे जीवन ऊंचाइयों -गहराइयों में स्वयं सिद्धा र...
मेरे लफ़्ज़ों के अनकहे जज्बातों में खो जाती हैं यह चूड़ियां, कि खुद के होने भर की आहट तक नहीं बत... मेरे लफ़्ज़ों के अनकहे जज्बातों में खो जाती हैं यह चूड़ियां, कि खुद के होने ...
ख़ुश और सुखी रहने के लिए जरूरी है कि हम खुद से ईमानदार रहें,दुआ दवा से ज़ियादा असर करती है। ...... ख़ुश और सुखी रहने के लिए जरूरी है कि हम खुद से ईमानदार रहें,दुआ दवा से ज़ियादा असर...
रूबरू थे हम दोनों फिर भी सदियों का फासला मानो उन दो किनारों की तरह रूबरू थे हम दोनों फिर भी सदियों का फासला मानो उन दो किनारों की तरह
समय के साथ इतिहास भी जीवन की तरह बदलता है राजा को रंग और फ़क़ीर को करोड़पति बना देता है ये ... समय के साथ इतिहास भी जीवन की तरह बदलता है राजा को रंग और फ़क़ीर को करोड़पत...
सज "नरानया" गण जब जाते। 'सुमति' छंद की लय बिखराते।। सज "नरानया" गण जब जाते। 'सुमति' छंद की लय बिखराते।।
जिसको आहत और भेदना था अपने हृदय के विकार को वो मुझे ही बना गया अपना मानो शिकार हो कर्मठ ... जिसको आहत और भेदना था अपने हृदय के विकार को वो मुझे ही बना गया अपना मान...
तीक्ष्ण झोंंके मलय के तो कभी बालक वृंद बिखेर देते उस के घोंंसले को तब वह छोटी चिड़िया... तीक्ष्ण झोंंके मलय के तो कभी बालक वृंद बिखेर देते उस के घोंंसले को त...
ख़लिश अब रहा नहीं खालिस मुहब्बत लाई हूँ।। ख़लिश अब रहा नहीं खालिस मुहब्बत लाई हूँ।।
ये तो मुश्किल है मैं बदल जाऊँ अभी ज़िन्दा है आदमी मुझमें। ये तो मुश्किल है मैं बदल जाऊँ अभी ज़िन्दा है आदमी मुझमें।
चमक उठी है आँखें कब से,सपनों से भरी पड़ी, उन सपनो को पूर्ण करूँ, वह चाह रही है कब से। चमक उठी है आँखें कब से,सपनों से भरी पड़ी, उन सपनो को पूर्ण करूँ, वह चाह रही ह...
सावन सूखता है फिर कपाती सर्द सी सिहरन उगलते अग्नि बाणों से हुआ आहत ये कोमल मन व्यथाओं की... सावन सूखता है फिर कपाती सर्द सी सिहरन उगलते अग्नि बाणों से हुआ आहत ये क...
हाँ मैं डरती हूँ, पर दिखाती नहीं, दिखाती नहीं क्योंकि मैं लोहे की एक ढाल हूँ। हाँ मैं डरती हूँ, पर दिखाती नहीं, दिखाती नहीं क्योंकि मैं लोहे की एक ढ...
सावन को भी तो अभी आना ही होगा तपन जलन का ज्वाला सहना होगा तभी तो बरखा बूंदों में बंट कर सीं... सावन को भी तो अभी आना ही होगा तपन जलन का ज्वाला सहना होगा तभी तो बरखा बूंद...
इन्सानियत ये बस एक शब्द नहीं अपनेआप में पूरी दुनिया को ज़िंदा रखने की कवायद है। ..हमसब मिलकर यदि ... इन्सानियत ये बस एक शब्द नहीं अपनेआप में पूरी दुनिया को ज़िंदा रखने की कवायद है।...