मोहपाश
मोहपाश


बहुत शांत और स्थिर
मेरे हृदय की वेदना
भूल से भूल कर
स्वयं को ही भेद गई
मेरे हृदय की वेदना
सम्भल कर मैंने
लाखों जतन किये थे
फिर भी आहत हो गई
मेरे हृदय की वेदना
जिसको आहत और भेदना था
अपने हृदय के विकार को
वो मुझे ही बना गया
अपना मानो शिकार हो
कर्मठ और कृतज्ञ
वो इतनी उज्ज्वल
प्रज्वल्लित वेदना
जिसने मेरी वेदना में
मिला दी अपनी वेदना
कुछ दूर चलकर मानो
वो हताश हो चली खुद से ही
जिसके ह्रदय का मोहपाश
उसे जकड़े हुए था अब तलक
उसी के मुखाधिर से
चूर-चूर हो गई करुण वेदना...