मन के कैदी
मन के कैदी
हम अपने मन के कैदी
पर भावनाओं को कैसे
जंजीरों में कैद कर पाएंगे
संवेदनाओं को सजा कर
नया एक विचार तो लाएंगे
कभी आलोचनाओ तो
कभी तारीफों के हक़दार
तो बनाएं जाएंगे
पर,
संकीर्णता के दायरे में सिमटकर
अपनी विचार को कैदी न बना पाएंगे
हम अपने मन के कैदी
पर भावनाओं को कैसे
जंजीरों में कैद कर पाएंगे
संवेदनाओं को सजा कर
नया एक विचार तो लाएंगे
कभी आलोचनाओ तो
कभी तारीफों के हक़दार
तो बनाएं जाएंगे
पर,
संकीर्णता के दायरे में सिमटकर
अपनी विचार को कैदी न बना पाएंगे