तन्हा
तन्हा
चाँद तन्हा, आसमाँ तन्हा
दिल मिला मगर वो भी तन्हा
बात करूँ जब इन दीवारों से
इनका भी दर्द है तन्हा
आँसुओं का समंदर है दिल
रोता रहा हैं गम मेरा यूं ही तन्हा
दिल ने देखा था कोई चुपके से ख्वाब
आँसुओं के संग बह गया वो भी तन्हा
सोचा की चल दुनिया ही छोड़ दे पर,
जख्मी दिल रह गया यहाँ भी तन्हा।।