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Pammy Rajan

Drama

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Pammy Rajan

Drama

मिल गई

मिल गई

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सूनी सड़कों पर घूमते हुए

अँधेरी रातों में सिसकते हुए

मैंने खुद को खुद से पूछा

क्या मैं वो हूँ ?

जो मैं होना चाहती हूँ।


क्या मुझे वो मिला ?

जिसे मैंने चाहा

दिमाग की नसों को

छेड़ते हुए आई एक आवाज

नहीं नहीं नहीं।


सिवा आँसू, दर्द और दुत्कार के

कुछ न पाया मैंने

महफिलों में खुद को डुबो के

क्लब पार्टियों में थिरकते हुए

मैंने खुद से किया सवाल।


क्या मैंने वो पाया

जो मैंने चाहा था

क्या मुझे वो मिला

जो मैंने माँगा था

दिल के किसी कोने से

निकली एक आवाज

नहीं नहीं नहीं।


सिवा हँसी,

नशा और थकान के

कुछ ना मिला मुझे

सागर की लहरों से खेलते हुए

बालकों की किलकारियों को

सुनते हुए।


मैंने अपनी आत्मा से पूछा

क्या मुझे वो मिला

जिसकी मैंने ख्वाहिश की

क्या मैंने वो पाया,


जिसकी मैंने अहमियत दी

संतुष्ट सी आत्मा बोल पड़ी

हा हा हा

मिल गयी वो ख़ुशी शांति

मिल गया वो सुकून

जिसकी मैंने कल्पना की।


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