पानी और धूप
पानी और धूप


बादल सच बतलाना
तुम ऐसा कैसे कर लेते हो
मूसलाधार रोते हो
और सफेद चमकीला हँसते हो
एक दिन तुम्हें देख
मैंने भी कोशिश की थी
पर मेरे मुस्कुराने का
झूठ पकड़ा गया
और मैं -
अधिक फूट फूट कर रो पड़ी
पर तुम्हारी सुनहरी
मुस्कुराहट ने तो
तुम्हारा रोना ही
बंद कर दिया
खिली खिली धूप निकल आई
तुरंत ले गई उड़ा कर
तुम्हारे रोने को
बस मैं तुम्हें
एकटक देखती ही रह गई।