Sarbani Daripa
Abstract
अतर की शीशी लाई हूँ।।
जिस्म की खुशबू नहीं
रूह की महक लाई हूँ।
ख़लिश अब रहा नहीं
खालिस मुहब्बत लाई हूँ।।
जिन्दगी की जिस्म में
छिड़कने आई हूँ।
मैं अतर की शीशी लाई हूँ।।
सच
नारी अब मूर्त...
चलो करें हम अ...
जंग अभी जारी ...
नचिकेता
बदूइन सा फिरत...
अतर की शीशी
गुगल गुरु
माया
गुड मॉर्निंग
कोई न मुझसे बात करेगा, उम्र गुजर जाने के बाद। कोई न मुझसे बात करेगा, उम्र गुजर जाने के बाद।
कर दो बेड़ा पार सभी का, जय माता जी।। कर दो बेड़ा पार सभी का, जय माता जी।।
रोग नाश कर वंश वृद्धि का मां वरदान देती । सबको जो दृष्टिगोचर वो मां की माया है रोग नाश कर वंश वृद्धि का मां वरदान देती । सबको जो दृष्टिगोचर वो मां की माया ...
क्यों ना इस बार उनकी संवेदनाओं को स्वयं के हृदय में जगायेंगे। क्यों ना इस बार उनकी संवेदनाओं को स्वयं के हृदय में जगायेंगे।
शांति का प्रतीक बनकर सदा ही ये रंग, मन में भक्ति भाव को है सदा ही जगाये। शांति का प्रतीक बनकर सदा ही ये रंग, मन में भक्ति भाव को है सदा ही जगाये।
पंचम दिवस स्कंदमाता जी आती हैं । घर-घर समृद्धि और खुशियां दे जाती हैं। पंचम दिवस स्कंदमाता जी आती हैं । घर-घर समृद्धि और खुशियां दे जाती हैं।
निःसंतान दंपत्ति को पूजा का फल गोद हरी भरी रहने का वरदान देकर जाती है। निःसंतान दंपत्ति को पूजा का फल गोद हरी भरी रहने का वरदान देकर जाती है।
हरा रंग है प्रकृति का,हरी भरी वसुंधरा, हरियाली फैले चारों दिशा इस धरा। हरा रंग है प्रकृति का,हरी भरी वसुंधरा, हरियाली फैले चारों दिशा इस धरा।
खुद से जब मिलोगे मुस्कुरा कर खुद को अपना दोस्त समझकर। खुद से जब मिलोगे मुस्कुरा कर खुद को अपना दोस्त समझकर।
दिखाता राह औरों को तू करता अपना सब कुछ समर्पित तू दिखाता राह औरों को तू करता अपना सब कुछ समर्पित तू
सुगंध से पूरा घर महकाया। पांचवें दिन आई स्कंदमाता। सुगंध से पूरा घर महकाया। पांचवें दिन आई स्कंदमाता।
हिन्दू- मुस्लिम हिंदुस्तान यह देश हिन्दु___स्थान। हिन्दू- मुस्लिम हिंदुस्तान यह देश हिन्दु___स्थान।
हिन्दी भाषा को अपनाएं, इसका निखार करें चलो हिन्दी का विस्तार करें। हिन्दी भाषा को अपनाएं, इसका निखार करें चलो हिन्दी का विस्तार करें।
पूजा पाठ में इस रंग का प्रयोग सदा ही परोपकार के लिए प्रेरित करता ही जाए। पूजा पाठ में इस रंग का प्रयोग सदा ही परोपकार के लिए प्रेरित करता ही जाए।
मुक्ति के द्वार पर ख़ुद को वो पाए। मुक्ति के द्वार पर ख़ुद को वो पाए।
शिक्षक हरते मास्तिष्क की हरीतिमा बोलो शिक्षक की जय। शिक्षक हरते मास्तिष्क की हरीतिमा बोलो शिक्षक की जय।
आशीर्वाद दो माँ अपने परम भक्तों को माँ, आये है जो आज तेरी शरण में मेरी माँ। आशीर्वाद दो माँ अपने परम भक्तों को माँ, आये है जो आज तेरी शरण में मेरी माँ।
समय ने पैसे से कमजोर क्या किया, भाइयों को भाइयों से अब प्यार नहीं है। समय ने पैसे से कमजोर क्या किया, भाइयों को भाइयों से अब प्यार नहीं है।
कशमकश जिंदगी की काश !मैं समझ जाती.. बेचैन कभी न मैं अपने को फिर पात.... कशमकश जिंदगी की काश !मैं समझ जाती.. बेचैन कभी न मैं अपने को फिर पात....
हमारा प्यारा सा 'हिन्दुस्तान' हो ... तेरी अनुकम्पा से ....... हमारा प्यारा सा 'हिन्दुस्तान' हो ... तेरी अनुकम्पा से .......