कौन हूँ मैं
कौन हूँ मैं
कोई ख्वाब नहीं हकीकत हूँ मैं,
चाहतों से भरा वो समंदर हूँ मैं,
जो तेरे रोम रोम में समाया हुआ है,
प्यार हूँ मैं तेरा प्यार हूँ मैं तेरा।
मौजूद हूँ मैं तेरे एहसासों में,
हर पल तेरे आस-पास हूँ मैं,
तेरा साया हूँ मैं तेरी आवाज़ हूँ मैं,
तेरी नज़रों में हूँ तेरी नींदों में हूँ।
जहाँ भी देखेगा तू मुझे ही पायेगा तू,
कोई टूटा हुआ ख्वाब नहीं हकीकत हूँ मैं,
तेरी प्रेरणा हूँ मैं, तेरी जिंदगी हूँ मैं,
कौन हूँ मैं कौन हूँ।
अपने इस सवाल का जवाब ना
तू हर पल तलाश कर..।।