योग
योग
जीवन के आखिरी
पड़ाव मे क्या चाहिये ?
श्रद्धा भक्ति भाव से
ईश्वर का भजन चाहिये !
योग नही भोग नही
मोह माया कुछ नही
राम नाम लेते रहो
तभी पार हो पाओगे।
जीवन के मोक्ष का
द्वार खोल पाओगे ।
सत्य यही सच यही
बाकी मायाजाल है ।
जीवन का जन्जाल है ।
धर्म और कर्म करो
और सब का त्याग करो ।
जीवन की भूल भुलैयो से
तभी पार हो पाओगे ।
योग भोग छोड़कर ही
तभी मुक्ति पाओगे ।
जीवन सफल बनाओगे ।