ऊँचाई
ऊँचाई
इमारतें ऊँची नहीं,
अपनी सोच ऊँचा करें।
ये दिखावेपन की
बनावटी चेहरों के पीछे का
असली चेहरा दिखाने की
हिम्मत पैदा करें।
आप ऊपर से
जितना भी ऊँचा उठें,
ये दुनिया आपको
अपने कर्मों के द्वारा ही
याद रखेगी, न कि
आपकी दौलत-ओ-शोहरत से...!
महज़ अरमानों की सेज पर
अपने सपनों का आशियाना
बसाने की बेमतलब कोशिश
न कर इंसानियत के नाते
बेसहारों की अंधेरी ज़िंदगी में
खुशियों की फुलझड़ियाँ जलाएँ !
