रूह आज़ाद है तेरी
रूह आज़ाद है तेरी
बोल ले, जो लब आज़ाद हैं तेरे
लिख ले, अगर कलम आज़ाद है।
भर दे रंग कोरे कागज़ों पर,
जो सोच आज़ाद है तेरी।
फिर बिखेर दे उन रंगों को
जीवन में अपने,
जो रूह आज़ाद है तेरी।।
बोल ले, जो लब आज़ाद हैं तेरे
लिख ले, अगर कलम आज़ाद है।
भर दे रंग कोरे कागज़ों पर,
जो सोच आज़ाद है तेरी।
फिर बिखेर दे उन रंगों को
जीवन में अपने,
जो रूह आज़ाद है तेरी।।