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Mohanjeet Kukreja

Inspirational

5.0  

Mohanjeet Kukreja

Inspirational

हिम्मत-अफ़्ज़ाई...!

हिम्मत-अफ़्ज़ाई...!

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इन से कब कुछ हुआ है... आँसुओं को तो थाम लो

नाकामियों की छोड़ फ़िक़्र, सिर्फ़ हौसले से काम लो!


तक़दीर कोई दुश्मन नहीं कि हमेशा रहेगी ख़िलाफ़

ख़फ़ा सही, माशूक़ ही है, वही दर्जा, वही मक़ाम दो!


थक गए हो अगर चल के, दम लो, थोड़ा रुक जाओ

ख़ुद को एक जाम... और क़दमों को ज़रा आराम दो!


कोशिशें मुसलसल हैं अगर, ख़्वाब अधूरे रहेंगे क्यों?

मंज़िल चल के क़रीब आएगी, तुम अगरचे ठान लो!


हमराह अगर मिले कोई, दुःख-सुख बाँटो, साथ चलो

वगरना अपने इस सफ़र को ख़ुद-ब-ख़ुद अंजाम दो!!



हिम्मत-अफ़्ज़ाई: हौसला बढ़ाना;

मुसलसल: लगातार; अगरचे: अगर; वगरना: वर्ना  


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