हिन्द के निवासी
हिन्द के निवासी
हिन्द के निवासी हैं, फख्र करेंगे
देश के लिए जियेंगे, मर मिटेंगे।।
ये दौलत, जवानी कुर्बान करेंगे
देश के लिए हम नग़मे लिखेंगे।।
तिरंगे को शान से, हाथों में थामेंगे
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां पढ़ेंगे।।
ख़ाखे ज़माने से, हम अब ये कहेंगे
दुश्मन के सितम हरगिज़ ना सहेंगे।।
हिन्द में पड़ी, गलत निगाहों को चीरेंगे
देश के सैनिक हैं, दुश्मन हमसे डरेंगे।।
ज़ुल्म, भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंकेगे
इस वर्ष से हम सब नव प्रण लेंगे।।
अंधेरी बस्तियों में भी अब दिये जलेंगे
बेसहारो को भी अब सहारा मिलेंगे।।
अंधेरों की घटा छटेगी, समां जलेंगे
'आकिब' ज़िंदगी किसी की रौशन करेंगे।।