हम दो, हमारे दो, तो सबके ही दो...। हम दो, हमारे दो, तो सबके ही दो...।
झूठे समाज के लोग...। झूठे समाज के लोग...।
रोज़ बेचते ईमान देखा...! रोज़ बेचते ईमान देखा...!
महंगाई के बारे में एक कविता...। महंगाई के बारे में एक कविता...।
हिन्द के निवासी...। हिन्द के निवासी...।
उल्टा - पुल्टा ! उल्टा - पुल्टा !