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अमन चाहना गर ग़लत है तो बोलो

अमन चाहना गर ग़लत है तो बोलो

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अमन चाहना गर ग़लत है तो बोलो,

मिलन की तमन्ना ग़लत है तो बोलो।


मेरी कोशिशो की नही कोई सरहद,

अगर मेरी कोशिश ग़लत है तो बोलो।


ब्यान हाल दिल आज कैसे करूं मै,

अगर सच बताना ग़लत है तो बोलो।


ये नफरत की दुनिया तुझे हो मुबारक,

मोहब्बत मे जीना गलत है तो बोलो।


यहा भी वहा भी निगाहों मे तुम हो,

तेरा ख्वाब देखुं ग़लत है तो बोलो।


वही दिल है मेरा वही दिलमे चाहत,

तुम्हे चाहना गर ग़लत है तो बोलो।


मज़ा ज़िंदगी मे मिलेगा कहां अब,

अगर साथ मांगा ग़लत है तो बोलो।


वो मंज़र अगर हूश्न तेरी क्यामत,

तमन्ना क्यामत गलत है तो बोलो।


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