मैं श्यामल रंग की हो गयी
मैं श्यामल रंग की हो गयी
तन पर पड़ी जो तेरी परछाईं मैं तो श्यामल रंग
की हो गयी
मेरे कान्हा तेरे प्रेम में पड़ कर मैं राधा सी दीवानी
हो गयी,
तेरी नटखट सी नादानी पर मैं तो वारी हूँ
तेरी मुरली की धुन की मैं तो मधुर वाणी हो गयी,
जो मुझ में अब भी बाकी है वो बस तेरा ही
अनुराग है
तुझ से ही मेरा जीवन है मैं तेरी प्रेम कहानी
हो गयी,
इन सांसों में तुम ही बसते हो ये दिल है मेरा
मंदिर सा
आंखों में तेरी ही मूरत है तुझ से तो मेरी ये
प्रीत पुरानी हो गयी,
तेरी लगन में गुम होकर ज़िंदा हूँ, मुझ को जीवन का
सार मिला
तेरी भक्ति, तेरी श्रद्धा ही अब मेरी ज़िंदगानी
हो गयी,
तन पर जो पड़ी तेरी परछाईं मैं तो श्यामल
रंग की हो गयी
मेरे कान्हा तेरे प्रेम में पड़कर मैं राधा सी दीवानी
हो गयी।