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मिली साहा

Abstract

4.5  

मिली साहा

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नवरात्रि - मांँ सिद्धिदात्री

नवरात्रि - मांँ सिद्धिदात्री

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माँ दुर्गा की नौवीं शक्ति माँ सिद्धिदात्री का उज्ज्वल है स्वरूप।

समस्त देवता भी करते गुणगान ऐसा अलौकिक माँ का रूप।।


करती है पूरी भक्तों की मनोकामना महिमा है माँ की अपरम्पार।

नवरात्रि के नौवें दिन माँ दुर्गा के इस रूप को पूजता है संसार।।


अष्ट सिद्धियां साथ विराजे, है कमल पुष्प देवी माँ का आसान।

चार भुजाओं वाली माँ, एक हाथ में गदा है, एक हाथ सुदर्शन।।


एक हाथ में कमल पुष्प है शोभित एक हाथ से देती है वरदान।

वर देती है सिद्धिदात्री माँ जगदंबा, भक्तों का करती कल्याण।।


दिव्य रूप है माँ का लाल वस्त्र में, गले में शोभित मोती माला।

लक्ष्मी काली माँ शारदा तीनों रूपों में है माता को पूजा जाता।।


सभी सिद्धियों वाली माता का जो भी पूजन करे विधि -विधान।

साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियाँ करती है वरदान।।


अष्ट सिद्धियाँ हैं माँ की अणिमा, लघिमा, प्राप्ति और प्राकाम्य।

महिमा, ईशित्व, सर्वकामावसायिता आठवीं सिद्धि है सर्वज्ञत्व।।


प्राप्त हुई अष्ट सिद्धियाँ भगवान शिव को इन्हीं देवी की कृपा से।

अर्धनारीश्वर कहलाए भोलेनाथ माँ सिद्धिदात्री की अनुकंपा से।।


सिंह वाहिनी माता माता के विख्यात जग में सुंदर अनेकों नाम।

इच्छा पूरी करती माँ सिद्धिदात्री, बनाती है भक्तजनों के काम।।



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