ज़िन्दगी की किताब
ज़िन्दगी की किताब
ज़िन्दगी की किताब का एक और
किस्सा तमाम हुआ
तेरी मेरी मोहब्बत का बस इतना
सा अंजाम हुआ
तेरी बेवफ़ाई ने मुझे अश्कों
से नवाज़ा
मेरी बेबसी का चर्चा कुछ यूँ
आम हुआ
किस्में वादे सारे तूने इक पल में
भुला दिए
तेरी यादों के सहारे मेरे जीने का
इंतज़ाम हुआ
तेरी जैसी ही बन जाऊँ ये तो
फितरत नहीं मेरी
उठ गया है मोहब्बत से यकीं दिल
इस कदर परेशान हुआ
ज़िन्दगी की किताब का इक और
किस्सा तमाम हुआ
तेरी मेरी मोहब्बत का बस इतना
सा अंजाम हुआ