जुनून
जुनून
काम ही मेरा जुनून और उसूल है
आयेगा इकदिन वो जरूर सबेरे सबेरे।
क्यो डरूँ मैं नसीब के चक्करों से
देखता हूँ मैं ख़्वाब हर दिन सुनहरे सुनहरे।
ख्वाहिशे आप बदल दो भाई
सुकून की जिन्दगी को समेटलो समेटलो।
कसूरवार कल आप ही को ठहरायेंगे
भरी महफ़िल में जब तुम रंग बदलोगे बदलोगे।