मेरी बहन भी चिल्लायी थी
मेरी बहन भी चिल्लायी थी
सुनसान सी सड़क पर
जा रही थी वो
कुछ डरी सी कुछ सहमी सी
नज़र आ रही थी वो
अचानक से एक लड़का आया
प्यार से उसने
उसे अपने पास बुलाया
डरी और सहमी सी वो लङकी
थोड़ा सा घबरायी
ना आगे देखा ना पीछे
उसने तो बस दौड़ लगाई
लड़का उसके पास आया
उसके हाथों को पकड़ा
कोई मदद करने को आएगा
यह सोचकर
उसने जोरों से चिल्लाया
पर अफसोस
उसकी मदद को कोई नहीं आया
उस लड़के ने कहा
कोई नहीं आएगा
उस दिन भी नहीं आया था
वो दिन.....
कह कर वो रो पड़ा
उसकी आँखों में आँसू
दर्द बयाँ कर रहे थे
उसने कहा
मेरी बहन भी चिल्लायी थी
मदद को कोई तो आएगा
उसने यह आस लगाई थी
लोग तो आए, पुलिस भी आई
पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
मेरी बहन मुझे छोड़
कहीं दूर जा चुकी थी
राखी के दिन
अब सूना सा लगता है
उसकी आवाज सुनने को यह भाई
हर पल तङपता रहता है
मैं तुम्हें परेशान करने नहीं आया हूँ
बस इतना बताने आया हूँ
कि खुद को कभी
कमजोर मत समझना
इन मुश्किलों का
खुद ही सामना करना
ये लोग तुम्हारी मदद को
कभी नहीं आएँगे ।
दूर से ही तमाशा देख
अपने घर को लौट जाएँगे।