दिल कर रहा है
दिल कर रहा है
दिल कर रहा है
माँ तेरे आँचल में छुप जाऊँ
बच्चा बन कर
माँ तेरी लोरियों को सुनता जाऊँ
माँ, रातों में मुझे अब नींद नहीं आती
आहट जो होती है कभी
तो तेरी याद है सताती
दिल चाहता है बस
तेरे पास चला आऊँ
बहुत रोता है दिल मेरा
इसको अब कैसे समझाऊँ?
तूने कहा था माँ
बाहर जाकर रोना नहीं कभी
पर क्या करू
तुझसे दूर कभी रहा ही नहीं
गलती इसमें मेरी भी नहीं है माँ
क्योंकि तूने ये कभी सिखाया ही नहीं
रहूँ कैसे दूर तूझसे मैं
तूने ये कभी बताया ही नहीं
इसलिए माँ,
रोना कभी कभार आ ही जाता है।
दिल तो बच्चा है ना?
मेरी यह मानता ही कहाँ है।