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Prerna Kumari

Tragedy

3  

Prerna Kumari

Tragedy

चेतावनी

चेतावनी

1 min
42


चेतावनी दे देकर जब

थक गई होगी प्रकृति,

अपने तरीके से गलत सही का 

एहसास करा रही होगी प्रकृति, 

सोचकर ये आखिरी विकल्प

तन गई होगी प्रकृति, 

एक ऐसा फेका पासा

कि सब लोग रह गए दंग

खौफ में अब वो जी रहे

जो कल तक कर रहे थे व्यंग।


दुनिया में हाहाकार मचा

हर कोई अपने घर को चला

ना कोई ट्राफिक जाम मिला

हवाओं को थोड़ा आराम मिला!


बेटा लौटा, लंबे वक़्त के बाद

बेटी संग है, अरसे बाद

डाइनिंग टेबल भरी हुई है

मां को मिली खुशियों की सौगात!


 ड्रॉइंग बुक जो पड़ी हुई थी

अलमारी की निचली शेल्फ़ में

धूल लगी हुई थी मेरे पेंट, रंग और ब्रश में

अपनी कल्पनाओं में मैंने जी भर के फिर रंग भरा

मुझको थोड़ा सुकून मिला, 

जैसे बचपन को फिर से जिया।


कुछ असर इस बीमारी का 

हर ओर देखने को मिला

अच्छी बात तो ये है कि

साथ एकता का रंग भी दिखा

घर में रहकर, खुद को स्वच्छ रखकर

इससे भी निकल आएंगे।

थोड़ी सी सावधानी से ही

कोरोना से जीत पाएंगे।



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