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Prerna Kumari

Others Inspirational

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Prerna Kumari

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वो एक दिन

वो एक दिन

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अरे ओ हैवानों

क्या तुम्हें तरस नहीं आया?

मासूमों पर गोली चला दी

क्या एक पल के लिए भी 

तुम्हरी रुह नहीं काँपी?

किसी के घर के चिराग थे वो

किसी का सहारा थे

अपने मुल्क के भविष्य थे वो

क्या मालूम है तुम्हें 

तुम्हारी इन हरकतों ने

कितनों को रुलाया है

किसी ने अपना बच्चा 

तो किसी ने 

अपना भाई गँवाया है।

उन मासूमों को देख 

क्या तुम्हारी इन्सानियत नहीं जागी?

क्यों तूने उनके सीने पे

दाग दी गोली सारी?

क्यूँ तूने यह नहीं सोचा

घर पर माँ उनकी 

कर रही होगी इन्तज़ार 

भाई-बहन की नोंक-झोंक से

अब नहीं चहकेगा वो परिवार।

तूने सोचा होगा

कि डर जाएँगे

मुल्क के बच्चे 

अब स्कूल जाने से कतराएँगे

पर सुन ले तू ये बात 

कि एक ना एक दिन 

वो पल आएगा

जब वो मुल्क 

तुम्हें सबक सिखाएगा

शिक्षा के जिस मन्दिर में

तूने की है ये हैवानियत

उसी शिक्षा के बल पर

ये मुल्क तुम्हें बतलाएगा।

क्या होती है इसकी ताकत 

ये तुम्हें दिखलाएगा।

 


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