स्वप्न
स्वप्न
पलकों का बंद होना
सपनों का दस्तक देना
सपनों के आते ही
तेरा नज़दीक आना
चाँद की मद्धिम
रौशनी के साथ
हाथों में हाथ डाले
दूर बहुत दूर
निकल जाना
तेरे कंधे पर
सर टिकाना
तेरा हौले से
मुझे स्पर्श करना
तेरी खुशबू से
मेरा मदहोश हो जाना
नजरों का मिलना
धडकनों का तेज़ हो जाना
ऐसे खो जाना
एक दूजे मे
जैसे सागर मे लहरें
चाँद मे चांदनी
आह ! जब स्वप्न
इतना सुहाना है तो
हकीक़त कैसा होगा